मनोरंजक कथाएँ >> सच्ची साधना सच्ची साधनादिनेश चमोला
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‘‘अरे विभु ! जब तुम अच्छे कपड़े नहीं पहन सकते, अच्छा बस्ता नहीं रख सकते, अच्छे जूते नहीं ला सकते, अच्छा खाना नहीं खा सकते तो तुम अच्छे विद्यार्थी कैसे बन सकते हो ?’’ विभा की सहेली ऋचा ने अपनी कार के शीशे से बाहर सिर निकाल कर हँसते हुए कहा था।
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